हैल्लो दोस्तों, ये कहानी एक ग़रीब लड़की की है। पुष्पा एक ग़रीब घर की लड़की थी, जिसके माँ बाप काम करने वाले थे। पुष्पा के दो बहनें थी। एक का नाम नंदा और दूसरी का नाम ममता था, वो दोनों बहनें दिखने में सुंदर दिखती थी और काफ़ी स्मार्ट भी थी, परंतु पुष्पा दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं थी और गली के लड़के भी पुष्पा की तरफ ज्यादा नहीं देखते थे, पुष्पा सबसे छोटी थी। पुष्पा बहुत ही छोटे कद की और दुबली पतली लड़की थी। बेचारी 25 साल की होकर भी 20 साल की लगती थी। उसकी दोनों बहनें स्मार्ट होने के कारण लड़के भी उन्ही की तरफ ज्यादा देखते थे। पुष्पा मन ही मन में अपने आपको कोसती रहती थी।
उनके पड़ोस में एक पहलवान रहता था, जिसका नाम बलदेव था, पुष्पा की दोनों बहनें उससे चुदाई करवाती थी। एक दिन रात के 12 बजे पुष्पा की नींद खुल गई, पुष्पा पेशाब करने के लिए बाहर जाने लगी तो पुष्पा ने देखा कि नंदा और ममता दोनों घर में नहीं थी और इधर उधर देखा तो वो कहीं नज़र नहीं आई। तो पुष्पा को शक हो गया कि दोनों कहीं पास वाले बलदेव से तो नहीं, पुष्पा का शक सही निकला। जैसे ही पुष्पा धीरे-धीरे से अखाड़े की तरफ चलने लगी तो बलदेव पहलवान की और उसकी दोनों बहनों की आवाज तेज़ी से सुनाई दे रही थी, मगर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ममता की चीखने की आवाज़, आआआआअहहाअ उूऊऊऊउउउ उसके बाद में नंदा की आवाज आई ओही ओहो आआहाआ बहुत अच्छा लग रहा है, मुझे बलदेव और ज़ोर से चोदो मुझे, तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है। तो नंदा बोली अरे धीरे से बोलो वरना पुष्पा जाग जायेगी, तो बलदेव बोला आने दो ना उसे भी, में उसे भी चोद डालूँगा। एक ना एक दिन उसे भी चोदना ही है ना।
ये सुनकर पुष्पा एकदम गर्म हो गयी, आज के पहले पुष्पा ने अपने बारे में किसी से इस तरह की ऐसी बात नहीं सुनी थी और वो सीधी घर में चली गयी और सोने लगी, लेकिन पुष्पा को नींद नहीं आ रही थी। उसको बार-बार उसी बलदेव की बात याद आ रही थी कि कैसा होगा उसका लंड, कैसा दिखता होगा, कैसे लेती होगी दोनों बहनें उसको, वैसे पुष्पा ने लंड के बारे में सुना ज़रूर था और पेशाब करते लड़को का देखा भी था, लेकिन किसी का स्पर्श नहीं किया था। फिर उसने अपने सलवार का नाडा खोला और अपना हाथ वहां ले गयी जहां हर लड़की सेक्स में आकर पहुँच जाती है। पुष्पा ने देखा तो उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था कि आज के पहले कभी नहीं हुआ था, उसकी नींद बिल्कुल गायब हो गयी थी।
फिर उसने अपनी उंगली चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगी और अब उसे मज़ा आने लगा था। वो बार-बार उंगली को आगे पीछे करने से वो झड़ गयी और उसका पानी निकल गया। फिर थोड़ी देर के बाद दोनों बहनें वापस आकर सो गयी तो पुष्पा भी सो गयी थी। दूसरे दिन जब पुष्पा नींद से जागी तो उसे रात के बारे में ख्याल आया तो नहाते समय उसने और एक बार उंगली से नहाते समय पानी निकाल लिया और दोनों बहनों को इस बात का पता तक नहीं लगने दिया और कॉलेज चली गयी, मगर उसे बार-बार बलदेव का ही ख्याल आ रहा था। पुष्पा दुबली पतली और छोटे कद की होने के कारण उसके मन में हमेशा डर सा लगा रहता था तो वो डर भी निकल चुका था, क्योंकि उसे एक चाहने वाला मिल गया था। फिर दिनभर उसे एक ही ख्याल आ रहा था आख़िर उसकी मुलाकात बलदेव से हो ही गयी, बलदेव उसे रास्ते में कॉलेज से वापस आते वक्त मिला तो उसकी धड़कन तेज़ी से दौड़ने लगी। बलदेव ने उससे हाल-चाल पूछा और चला गया। पुष्पा के दिल में बलदेव के बारे में प्यार हो गया था।
फिर कुछ दिन ऐसा ही सिलसिला चलता रहा, पुष्पा रात को चुपचाप अपनी दोनों बहनों की रासलीला सुनती थी और सोते समय अपनी ही उंगली से मुठ मारती थी। एक दिन उसके मामा की शादी के लिए सबको 8 दिन के लिए जाना पड़ा, लेकिन उसी टाईम में पुष्पा की परीक्षा चल रही थी तो पुष्पा नहीं जा रही थी तो उसकी देखभाल के लिए उसकी दादी को रुकना पड़ा। सब लोग चले जाने के बाद पुष्पा और उसकी दादी ही घर में थी। दादी की उम्र ज्यादा होने के कारण दादी रात भर ज्यादा सोती नहीं थी और थोड़ी सी बात पर ही जाग जाती थी, पुष्पा की परीक्षा होने के कारण वो इधर उधर का ख्याल मन में लाना नहीं चाहती थी। रात के 12 बज चुके थे, मगर उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो वो उठकर पास वाले बलदेव के अखाड़े की तरफ जाने लगी तो दादी जाग गयी और दादी ने सो जाने के लिए बोला।
दूसरे दिन पुष्पा परीक्षा देकर वापस आ रही थी तो उसके घर के पास ही उसकी मुलाकात बलदेव से हुई, उसने पूछा पेपर कैसा हुआ है तो पुष्पा बोली ठीक हुआ है, वह बोला कि कल कौन सा पेपर है? तो पुष्पा बोली कल अकाउंट का पेपर है। तो इस बात पर बलदेव उसे बोला मेरे अखाड़े में कोई लड़का अकाउंट के फाईनल ईयर के कुछ नोट्स छोड़ गया है तो अगर तुम्हारे किसी काम में आयें तो रात को आकर ले जाना। तो उस पर पुष्पा कुछ नहीं बोली और ठीक है कहकर सीधी अपने घर को निकल गयी, लेकिन जैसे-जैसे रात होने लगी और पुष्पा की धड़कने तेज हो रही थी, लेकिन दादी का भी ख्याल आ रहा था तो अचानक उसकी नज़र दादी की दवाई पर गयी, उसमें नींद की गोलीयां थी। पुष्पा ने दादी को दवाई देते समय नींद की दो गोलीयां पानी में ही मिला दी थी, उसके कारण दादी चुपचाप सो गयी। रात को पुष्पा अगले पेपर की तैयारी कर रही थी तो रात के 12 बज चुके थे तो उसके मन में बलदेव का ख्याल आ गया।
फिर उसे नोट्स के बारे में दिन की बातें भी याद आई, लेकिन बलदेव तो ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था तो उसको नोट्स के बारे में कैसे पता हो सकता है ये जानते हुए भी पुष्पा अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी और आख़िर उसके कदम अखाड़े की तरफ बढ़ने लगे। फिर रात के 12:30 बज चुके थे और सभी मोहल्ले वाले सो चुके थे। बलदेव भी सो रहा होगा ये सोचकर पुष्पा दरवाजे पर खड़ी रही, उसकी हालत बहुत खराब हो रही थी और पूरी तरह से दिल की धड़कने तेज होती जा रही थी। आख़िर उसने दरवाजे पर जा कर कुण्डी बजा ही दी। बलदेव एक मंजा हुआ खिलाड़ी था उसने कई ऐसी लड़कीयों की चुदाई की थी और दरवाजे की दस्तक सुनते ही उसे समझने को देर नहीं लगी, उसने दरवाजा खोला तो पुष्पा बाहर खड़ी थी। बलदेव ने उसका मन ही मन में खुशी से स्वागत किया। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
बलदेव एक हठा कठा 6 फुट का पहलवान था और पुष्पा बेचारी छोटे कद की लड़की थी। तो बलदेव बोला आ गई पुष्पा तुम, तो पुष्पा ने गर्दन हिला कर हाँ बोली, तो तुम्हें नोट्स चाहिए आओ मेरे साथ और दरवाजा लगा लिया और पुष्पा का हाथ पकड़कर बलदेव उसे ले जाने लगा। सब तरफ अखाड़े का सामान पड़ा था और लाईट की रोशनी भी कम थी, ऐसे में पुष्पा को चलने में दिक्कत हो रही थी। तो बलदेव उसे बोला पुष्पा क्या में तुम्हें अपनी गोद में उठा कर ले जाऊं? तो पुष्पा कुछ नहीं बोली तो वो समझ गया और उसने पुष्पा को गोद में उठा लिया और पुष्पा ने अपनी आँखे बंद कर ली। बलदेव उसे सीधे पीछे वाले खाली रूम में ले गया, वहां पूरी तरह से तैयारी थी। उसने पुष्पा को वहां जाकर खड़ा कर दिया। कमरे में रोशनी बिल्कुल नहीं थी तो पुष्पा बोली ये तुम मुझे कहाँ ले आये हो तो बलदेव बोला यही तो रखे है नोट्स ज़रा ढूँढना होगा और वो दोनों ढूंढने लगे और अंधेरे का फायदा उठाकर बलदेव ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर पुष्पा नोट्स ढूंढते-ढूंढते आख़िरकार बलदेव से टकरा ही गयी जैसे ही वो बलदेव से टकराई वैसे ही बलदेव ने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया, जीवन में पहली बार किसी मर्द का लंड पुष्पा के हाथ में आया था। अब पुष्पा जान गयी थी कि बलदेव के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है।
फिर बलदेव ने पुष्पा के सलवार का नाडा हल्के हाथों से खोल दिया तो पुष्पा कुछ नहीं बोली और उसका टॉप भी निकाल दिया। जैसे ही पुष्पा नंगी हो गयी तो बलदेव ने उसे गोद में उठा लिया और पुष्पा की चूत में से नदीयाँ बह रही थी, जैसे ही बलदेव ने देखा तो वो बोला अच्छा तो पहले से ही तैयार थी। पुष्पा बेचारी क्या बोलती? चुपचाप खड़ी रही और छोटे कद की होने के कारण उसे नीचे सुला दिया। बलदेव का लंड बहुत ही बड़ा था और पूरी तरह से टाईट हो गया था। फिर उसने लंड पुष्पा के हाथ में थमा दिया तो पुष्पा बोली ये तो बहुत बड़ा है। तो वो बोला जानेमन तुम उसकी फ़िक्र मत करो, इतनी गीली चूत में तुम्हें ज्यादा तकलीफ नहीं होगी। उसने पुष्पा को समझाकर उसके दोनों पैर ऊपर उठा लिए और उसके ऊपर झुक गया। पुष्पा अब पूरी तरह से बलदेव के आगोश में थी।
फिर उसने अपने लंड का सुपाड़ा पुष्पा की चूत पर रखा और एक हाथ उसके मुँह पर रखा और लंड को सीधे पुष्पा की चूत में डाल दिया। पुष्पा की अंदर की सांसे अंदर और बाहर की सांसे बाहर रह गई, आहहा मर गयी में, निकाल लो में मर जाउंगी, लेकिन बलदेव ने उसकी एक ना सुनी और धक्के तेज करता गया। अब पुष्पा भी नॉर्मल हो गयी और बलदेव का साथ देने लगी। करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद ही बलदेव शांत हो गया और उस रात खूब चुदाई की और बहुत मजे किए और अब जब भी बलदेव को मौका मिलता है तो वो पुष्पा की खूब चुदाई करता है और मजे देता है ।।
धन्यवाद …
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